ग्वालियर की स्वर्ण रेखा नदी पर न्यायालय ने, स्पष्ट कहा कि हो स्वर्ण रेखा के विकास पर बात…
आज एक बार फिर माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर खंडपीठ में ग्वालियर की एक जमाने में जीवनदायनी रही स्वर्ण रेखा नदी के मामले में सुनवाई हुई...

ग्वालियर की स्वर्ण रेखा नदी पर न्यायालय ने, स्पष्ट कहा कि हो स्वर्ण रेखा के विकास पर बात…
आज एक बार फिर माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर खंडपीठ में ग्वालियर की एक जमाने में जीवनदायनी रही स्वर्ण रेखा नदी के मामले में सुनवाई हुई…
इस सुनवाई के दौरान शुरुआती दौर में एडवोकेट पिटिशनर के द्वारा कहा गया कि नगर निगम स्मार्ट सिटी जल संसाधन विभाग एवं अन्य जिम्मेदार लोगों ने माननीय न्यायालय को गुमराह करने का काम किया बात स्वर्ण रेखा नदी के विकास पर होना चाहिए थी लेकिन बात स्वर्ण रेखा नदी के विकास पर इन विभाग और एवं जिम्मेदार अधिकारियों ने नहीं करने का काम किया।
आज भी जब डीपीआर पेश की गई उसमें स्वर्ण रेखा नदी के विकास के संदर्भ में कुछ भी जिक्र नहीं किया गया पहले डीपीआर mits को जाती है फिर मेनिट को जाती है फिर संशोधन होती है उसके बाद भी उसे डीपीआर में कुछ पेश नहीं किया जाता है।
माननीय न्यायालय ने मुझे स्पष्ट कर दिया कि अगली सुनवाई पर इस नदी का विकास कैसे हो इस नदी से नाले कैसे सेपरेट किए जाएं ट्रंक लाइन को कैसे विकसित किया जाए इन पर स्पष्ट तौर पर बात करने को कहा है और आवश्यक रूप से जिम्मेदार अधिकारियों को एक बार फिर माननीय न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
माननीय न्यायालय ने जब अपनी मौखिक टिप्पणी में कहां है की आपस में एक कमेटी का गठन किया जाए जिसमें इस नदी के विकास को लेकर निरंतर चर्चाएं हो और एक विकास का मॉडल डेवलप हो सके।
विश्वजीत रतौनिया एडवोकेट, एडवोकेट पिटिशनर…