जिला मलेरिया अधिकारी, साढे तीन घंटे “डिजिटल अरेस्ट” रकम गंवाने से बचे…
साढे तीन घंटे "डिजिटल अरेस्ट" रकम गंवाने से बचे...

जिला मलेरिया अधिकारी, साढे तीन घंटे “डिजिटल अरेस्ट” रकम गंवाने से बचे…
गिर्राज रजक, ग्वालियर,
ग्वालियर की जिला मलेरिया अधिकारी डॉक्टर “विनोद दोनेरिया” को शातिर ठगो ने डिजिटल अरेस्ट कर दिया, अनजान नंबर से पहले वॉइस कॉल आया इसके बाद वॉइस ऐप पर वीडियो कॉल के जरिए डॉक्टर दोनोरिया को एक तरह से बंधक बना लिया गया…
शातिर ठगो के द्वारा उन्हें एक कमरे में डिजिटल अरेस्ट कर आधार कार्ड से लेकर अन्य दस्तावेज की जानकारी परिवार के बारे में सब कुछ पूछते रहे और तकरीबन 3:30 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा ठग बार-बार जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने की धमकी यह बोलकर देते रहे कि उनका मोबाइल नंबर मनी लांड्रिंग केस,यौन चैट, व पोर्नोग्राफी में ट्रेस हुआ है…
इसके बाद सबसे पहले 50हजार रुपए की मांग की गई अचानक डॉ. को लगा कि वह पहले एक बार अपने परिचित सीनियर IPS राकेश सगर से बातचीत कर पहले उन्हें पूरी जानकारी दे दे जैसे ही डॉक्टर धनेरिया द्वारा फोन कट कर आईपीएस राकेश सगर को फोन किया तो उन्होंने तत्काल नंबर ब्लॉक कर बताया कि यह ठगो का फोन है, जिला मलेरिया अधिकारी बाल बाल बच गए…
पुलिस का क्या कहना है कि…
तकरीबन 3:30 घंटे डिजिटल अरेस्ट होने के बाद डॉक्टर डोनेरिया अपनी शिकायत लेकर, ग्वालियर के थाटीपुर थाने पहुंचे तो वहां पुलिस कर्मियों ने उनको यह कहकर चलता करने की सोची यह लोग हजारों किलोमीटर दूर बैठकर अपराध करते हैं शिकायत से कुछ नहीं होगा…
क्या बोले, डॉक्टर…
तकरीबन 3:30 घंटे डिजिटल अरेस्ट में रहे डॉक्टर ने अपने पर हुई आप बीती बताते हुए बताया कि, जब मैं सुबह ड्यूटी के लिए निकल गया था लंच के लिए घर आ रहा था तभी अचानक गाड़ी में मेरे पास 8707261198 नंबर से कॉल आया क्योंकि मैं जिला मलेरिया अधिकारी हूं इसलिए अलग-अलग क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अभियान कार्यालय कार्य के लिए आम लोगों से लेकर विभाग के अधिकारी कर्मचारी फोन करते हैं मैंने फोन उठा लिया या वॉइस कॉल था मैंने जैसे ही फोन उठाया तो सामने वाले व्यक्ति बोला कि वह ट्राई यानी टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया की शाखा से बोल रहा है सिम 2 घंटे में बंद हो जाएगी क्योंकि मेरा नंबर संदीप लेनदेन में चिन्हित हुआ है मैंने बोला कि ऐसा तो कुछ नहीं किया फिर उसने कहा मुझे मुंबई पुलिस के अधिकारी बात करेंगे फिर दूसरे नंबर से मेरे पास वीडियो कॉल आया जिसमें एक इंस्पेक्टर था पीछे मुंबई पुलिस का बोर्ड लगा था वह मुझसे बोला कि मेरा नाम नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस में है मैंने कहा कि मैं तो कभी मुंबई गया ही नहीं ऐसा कोई लेनदेन किया है उसने मुझे बैंक स्टेटमेंट और एटीएम कार्ड की फोटो भेजी मेरे द्वारा ठगो को बताया गया कि मेरे द्वारा ऐसा कभी कोई लेनदेन नहीं किया गया है…
शातिर ठगो के द्वारा खाते में 50 हजार रूपये डालने के लिए कहा गया और बोला गया कि इसकी जांच ईडी करेगी, अगर बैंक खाते सी कोई लेनदेन नरेश गोयल से नहीं हुआ तो धन वापस मिल जाएगा और यदि कनेक्शन निकलता है तो जेल जाना पड़ेगा जब मेरे द्वारा यह कहा गया कि मुझे घबराहट हो रही है तब उनके द्वारा यह बोला गया कि आप पानी पी लो घर के दरवाजे सारे बंद कर दो तभी अचानक मुझे अपने मित्र आईपीएस राकेश सागर की याद आई तब उन्होंने बताया कि यह सब फ्रॉड है पुलिस अब पूरे मामले की छानबीन कर रही है