रतनगढ़ माता मंदिर पर भाई दूज मेले में 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए मां के दर्शन, पांच हजार लोगों के सर्पदंश के काटे गए बंध…
प्रसिद्ध रतनगढ़ माता मंदिर, भाई दूज मेला...

रतनगढ़ माता मंदिर पर भाई दूज मेले में 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए मां के दर्शन….
पांच हजार लोगों के सर्पदंश के, काटे गए बंध…
दतिया:- सेवड़ा अनुभाग के प्रसिद्ध रतनगढ़ माता मंदिर पर शनिवार से प्रारम्भ हुये भाई दूज मेला में अब तक 30 लाख से अधिक श्रद्धालु मंदिर पहुंच कर मां दर्शन कर चुके हैं, शुक्रवार रात से ही श्रद्धालुओं के रतनगढ़ पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था, जो आज रविवार और कल सोमवार को भी जारी रहेगा, श्रद्धालुओं के संग कल रात से सर्पदंस पीड़ित भी रतनगढ़ पहुंच रहे हैं, ये मेला विशेषकर सर्पदंश पीड़ितों के लिए बहुत खास है,
ऐसी मान्यता है कि किसी व्यक्ति या पशु को कोई भी जहरीला सांप काट लेता है तो कुंवर महाराज का बध लगाने से शरीर में जहर नहीं फैलता है एवं भाई दूज के दिन मंदिर आने पर नीम के झोंके से झड़ने के बाद बंध खुल जाता है…
कभी चंबल के दस्युओं की घोड़ो की टापों और गोलियों की गड़गड़ाहट से थर्राने वाले इन बीहड़ो में कुछ दशक पूर्व आने के नाम से लोग काँपते थे ,लेकिन पिछले 30 साल में यहां की तस्वीर बिल्कुल बदल सी गई है, अब रतनगढ़ माता मंदिर पर जंगल में मंगल हो रहा है यहां लगने वाले दो दिवसीय मेले में तकरीबन 30- 35 लाख लोग पहुंचते हैं ,रतनगढ़ माता का यह मेला गोवर्धन की पूर्व संध्या से ही प्रारंभ हो जाता है,दीपावली की सुबह से ही श्रद्धालुओं के रतनगढ़ पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था जो अब भी जारी है,जैसे ही सर्प दंश पीड़ित मंदिर के पहले बने सिंध नदी पुल पर पहुंचता है पीड़ित बेहोश होने लगता है और कुंवर वावा मंदिर पर पुजारी जब नीम के झोंके से झाड़ता तो पीड़ित बिल्कुल चंगा हो जाता है मंदिर के पुजारी राजेश कटारे जी का कहना है कि ये रतनगढ़ वाली माता और कुंवर बाबा का चमत्कार है कि सर्प दंश पीड़ित बिल्कुल ठीक हो जाते हैं,सेवडा एसडीओपी अखिलेश पुरी ने बताया कि अभी तक 30 लाख से 35 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, सोमवार को भी श्रद्धालुओं की आने जाने का सिलसिला जारी रहेगा।