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पंजाब में 2 अक्टूबर से मिलेगा सेहत बीमा योजना का लाभ, कैशलेस होगा इलाज, 65 लाख परिवारों को फायदा…

सेहत बीमा योजना का लाभ, कैशलेस होगा इलाज, 65 लाख परिवारों को फायदा...

पंजाब में 2 अक्टूबर से मिलेगा सेहत बीमा योजना का लाभ, कैशलेस होगा इलाज, 65 लाख परिवारों को फायदा…

चंडीगढ़:- पंजाब सरकार दो अक्टूबर से पंजाब में मुख्यमंत्री सेहत बीमा योजना के तहत 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने जा रही है. इस योजना में लगभग 65 लाख परिवारों को कवर किया जाएगा. इस योजना के तहत पंजाब सरकार लाभार्थियों को सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज मुहैया कराएगी. यह इलाज कैशलेस और पेपरलेस होगा, हालांकि इसमें कोई आय सीमा नहीं है…

इतना ही नहीं आयुष्मान योजना से पहले से जुड़े लाभार्थियों को भी इस स्कीम के तहत पांच लाख रुपये तक का अलग से लाभ मिलेगा. पंजाब सरकार इस योजना में 500 निजी अस्पतालों को शामिल करेगी और आने वाले वर्षों में इनकी संख्या 1,000 तक बढ़ाने का लक्ष्य है…

10 लाख रुपये का, मुफ्त इलाज…

पंजाब के नवनियुक्त कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने अपने एक्स अकाउंट पर इस संबंध में जानकारी साझा की है. उन्होंने लिखा,  इस योजना में पंजाब के हर परिवार के सदस्य को 10 लाख रुपये तक के वार्षिक मुफ्त इलाज मिलेगा. इस संबंध में पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने 2025-26 के बजट के लिए 778 करोड़ रुपये का बजट रखा है. हालांकि, पंजाब में सभी के कल्याण के लिए पहले से ही एक योजना चल रही है, जिसके तहत सरकार 5 लाख रुपये तक का इलाज उपलब्ध कराती है…

बता दें कि मुख्यमंत्री सेहत बीमा योजना से लगभग 29 लाख परिवार जुड़े हुए हैं. इसी तरह, पंजाब में लगभग 16 लाख परिवार आयुष्मान योजना से भी जुड़े हैं, जो केंद्र सरकार की एक योजना है. पंजाब सरकार की नई योजना के लाभार्थियों को न तो आयुष्मान कार्ड की आवश्यकता होगी और न ही राशन कार्ड की. सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ता भी इस योजना में शामिल होंगे…

अरविंद केजरीवाल ने, की थी घोषणा…

इस योजना की घोषणा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने खुद चंडीगढ़ में की थी. एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने घोषणा की कि सरकार मुफ्त इलाज योजना शुरू करने जा रही है. बता दें कि पंजाब में सत्ता में आने से पहले स्वास्थ्य गारंटी की घोषणा की गई थी…

योजना में, पारदर्शिता नहीं…

लुधियाना के वरिष्ठ डॉक्टर अरुण मित्रन का मानना है कि योजना अच्छी है, लेकिन इसमें फिलहाल पारदर्शिता नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में जरूरत बहुत ज़्यादा है. सरकार को सीधे तौर पर उन अस्पतालों की हालत सुधारनी चाहिए थी, जहां इलाज पहले से ही मुफ़्त है…

उन्होंने कहा कि ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में इलाज मुफ्त है. ऐसे में अगर सरकार निजी अस्पतालों को भी इस योजना में शामिल करती है, तो निजी अस्पतालों में इलाज का खर्च अलग है, जबकि सरकारी दर अलग है. अब ऐसे में क्या निजी अस्पताल सरकारी दर पर इलाज देने को तैयार होंगे? यह एक बड़ा सवाल है…

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के लिए यह योजना लाना जरूरी था. इस समय स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है। 10 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की घोषणा सरकार की एक बहुत अच्छी पहल है. पंजाब का अपना स्वास्थ्य बजट जीडीपी का 4.6 प्रतिशत है, जो लगभग 7-8 हजार करोड़ रुपये है.इसके अलावा राज्य को केंद्र की आयुष्मान योजना से भी कुछ धनराशि मिलती है. पंजाब सरकार ने इस फंड के लिए 778 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.मुझे लगता है कि पंजाब में इस योजना को चलाने के लिए यह धनराशि पर्याप्त है….

OPD सेवाओं पर, ज्यादा पैसा खर्च करते हैं लोग…

पूर्व आईएमए प्रधान डॉ अरुण मित्रान ने कहा कि पंजाब में ज्यादातर लोग ओपीडी सेवाओं पर ज्यादा पैसा खर्च करते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में क्या सरकार इस योजना में ओपीडी सेवाओं को भी मुफ़्त रखेगी? इसके साथ ही, अगर कोई सरकारी या निजी अस्पताल में इलाज कराता है, तो क्या इस योजना में दवाइयों का खर्च शामिल होगा? यह भी एक बड़ा सवाल है…

अरुण ने कहा कि योजना अच्छी है, लेकिन इसमें पारदर्शिता लाने की जरूरत है. इस योजना को लागू करने के लिए सरकार की मंशा साफ होनी चाहिए. उन्होंने यहां तक कहा कि कई अस्पताल सस्ती जमीन लेकर चैरिटेबल अस्पताल बना लेते हैं, लेकिन बाद में इलाज महंगा हो जाता है…

उन्होंने कहा कि ऐसे 25 प्रतिशत तक अस्पतालों को सरकार गरीबों का इलाज मुफ़्त करने की बात कहती है, लेकिन वह सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहता है…

सरकार को अपनी नई स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर अपना रुख साफ करना चाहिए. सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज पहले से ही हो रहा है. निजी डॉक्टरों की समस्या यह है कि क्या वे सरकारी दर पर निजी अस्पताल के मरीज का इलाज करने को तैयार होंगे या नहीं।

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