आस्थाधर्ममध्य प्रदेशराज्य

बुंदेलखंड में पण्डोखर धाम दतिया में 1008 श्री गुरुशरण महाराज का दावा लाइलाज का इलाज: आस्था कहे या अंधविश्वास…

त्रिकालदर्शी हैं पंडोखर सरकार, चुटकियों में किसी भी शख्‍स का बता देते हैं भूत, वर्तमान और भविष्य...

बुंदेलखंड में पण्डोखर धाम दतिया में 1008 श्री गुरुशरण महाराज का दावा लाइलाज का इलाज: आस्था कहे या अंधविश्वास…

त्रिकालदर्शी हैं पंडोखर सरकार, चुटकियों में किसी भी शख्‍स का बता देते हैं भूत, वर्तमान और भविष्य…

गिर्राज रजक दतिया, 

अस्था और अंधविश्वास की गलियों में भटकते हुए हम हर दिन एक नए अनुभव से गुजरते हैं। कुछ पर कभी विश्वास होता है तो कुछ पूरी तरह से बकवास लगते हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। जी हाँ, इस बार की कड़ी में रूबरू होइए पण्डोखर धाम की 1008 श्री गुरुशरण महाराज से । गुरुशरण महाराज का दावा है कि वे किसी भी तरह की शारीरिक विकलांगता से बाधित व्यक्ति को ठीक कर सकते हैं।

यह सुनते ही हमने रुख किया पण्डोखर महाराज के दरबार की ओर…

मध्‍य प्रदेश के दतिया जिले की भांडेर तहसील में स्थित पंडोखर सरकार आज पूरे देश और दुनिया में आस्था के एक बड़े केंद्र के रूप में जाना जाता है. देश के कोने-कोने से लोग यहां अपनी अर्जियां लेकर पहुंचते हैं. मान्‍यता है कि भूत प्रेत जैसी बाधाएं और अन्य तमाम समस्याओं का समाधान पंडोखर सरकार धाम में होता है ।

बुंदेलखंड के छोटे से पण्डोखर नामक गाँ व के यह बाबा अपना कारवाँ लेकर शहर-शहर दरबार लगाए रहते हैं। बाबा के दरबार की शुरुआत हुई मरीज को आपने पास बुलाने से। उसके बाद बाबा ने मरीज से कुछ प्रश्न किए।

प्रश्नों का जवाब सुनने के बाद बाबा ने मरीज को एक कागज दिखाया। कागज पर कुछ ब्योरा पहले से ही लिखा हुआ था। बाबा ने अपने अंदाज में मरीज को भरोसा दिलाया कि वे उसके बारे में पहले से ही जानते थे। मरीज को पण्डोखर हनुमान का आशीर्वाद प्राप्त है। वह जल्द ही ठीक हो जाएगा। इसके बाद किसी भी शारीरिक विकलांग व्यक्ति को तुरंत चलने के लिए कहा जाता है।

हमारे सामने ही जोश और उत्तेजना से भरे कुछ मरीज चलने लगे, कुछ लड़खड़ाए और गिर गए। बाबा का दावा था कि विकलांग मरीज पण्डोखर हनुमानजी की कृपा से जल्द ठीक हो जाएँगे। यही पण्डोखर महाराज का आशीर्वाद है, लेकिन इसके लिए मरीज को चार से पाँच अमावस्या तक उनके पास आना होगा।

मरीज के आने जाने का यह सिलसिला यूँ ही चल रहा था कि एक व्यक्ति फूलमाला लेकर मंच पर चढ़ा। रामभाव राजौरिया नामक इस व्यक्ति ने दावा किया कि पहले मैं चल-फिर नहीं पाता था, लेकिन एक बार बाबा के दरबार में आया। बाबा ने मुझे बैसाखी छोड़कर चलने को कहा और बस मैं चलने लगा। पहले लड़खड़ाते हुए चलना शुरू किया, अब अच्छे से चलने लगा हूँ।

बाबा अपने हर अनुयायी को रक्षा सूत्र पहनने और लगातार चार या पाँच अमावस्या तक उनके पास आने के लिए कहते हैं। बाबा का कहना है कि ठीक होने के लिए इतनी बार उनके दरबार में आना जरूरी है। यह बाबा जितने भी दावे कर लें, लेकिन डॉक्टर इन दावों को सिरे से नकारते हैं। आर्थोसर्जन डॉक्टर जयेश शाह ने बताया कि कई बार बार उत्तेजना में व्यक्ति खड़ा हो जाता है, कुछ कदम चल भी लेता है, लेकिन इसका परिणाम और खराब होता है।

यदि रीढ़ की हड्डी पर जरूरत से ज्यादा दबाव पड़ गया तो हो सकता है कि वह व्यक्ति जिंदगीभर के लिए अपंग हो जाए। वहीं कई बार ऐसे मनोरोगी जो किसी मानसिक परेशानी के चलते स्वयं को अपंग महसूस करते हैं, वे उत्तेजना के कारण ठीक हो सकते हैं, लेकिन ऐसे केस हजारों में एक होते हैं। ये तो रही डॉक्टरों की तजरीह।

पूरे देश से दर्शन के लिए आते हैं लोग…

पुजारी शिवम तिवारी के मुताबिक, इसके बाद पंडित गुरुशरण शर्मा अर्जियां सुनकर उनका समाधान करते हैं। बुंदेलखंड के साथ ही महाराष्ट्र और बिहार से भी बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं। पंडोखर धाम में दर्शन करने पहुंचे एक व्यक्ति ने बताया कि टीवी पर पंडोखर सरकार की महिमा देखकर और चर्चाएं सुनकर वह यहां दर्शन करने पहुंचे हैं, वहीं एक महिला ने बताया कि वह महाराष्ट्र के सोलापुर से अपने परिवार के साथ यहां दर्शन करने आई हैं ।

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