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नए नामों की आड़ में तानाशाही लाने वाले हैं नए परिवर्तन, किसानों ने दर्ज कराया विरोध….

नए कानून का विरोध

ग्वालियर 1 जुलाई से लागू किये गए न्याय एवं जांच प्रक्रिया के क़ानून नए नामों की आड़ में तानाशाही लाने की साजिश है मोदी सरकार इसका इस्तेमाल देशभर में उसके खिलाफ उभर रहे रोष और आक्रोश को दबाने और कुचलने के लिए करेगी । यह बात आज इन कानूनों के खिलाफ किसानो द्वारा दर्ज कराये गए विरोध के समय बोलते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज ने कही ।

उन्होंने याद दिलाया कि कुछ दिन पहले पुनर्निर्वाचित प्रधानमंत्री मोदी संसद भवन के प्रांगण में बोलते हुए आधी सदी पुरानी इमरजेंसी, जिसमे जनसंघ और संघ दोनों ने इंदिरा गांधी संजय गाँधी का समर्थन करने के माफीनामे लिखे थे, की तानाशाही को कोस रहे थे इन नए परिवर्तनों के जरिये उन्होंने उससे भी बदतर अघोषित आपातकाल थोप दिया है ।

इन कानूनों के पहले से ही सरकार किस तरह की धींगामुश्ती कर रही है यह झारखंड और दिल्ली के निर्वाचित मुख्यमंत्रियों हेमंत सोरेन और केजरीवाल की रिहाई के समय हाईकोर्ट्स द्वारा की गयी टिप्पणियों से साफ़ हो जाता है – जिनका कहना था कि कोई भी सबूत न होने के बाद भी उन्हें जेल में रखा गया नए क़ानून अब बिना जांच के लम्बे समय तक जेल में रखने का प्रावधान करते हैं ।

किसान सभा ने कहा है कि वह सारे लोकतांत्रिक संगठनो के साथ मिलकर इन आनूनो की वापसी के लिए लड़ेगी ।
आज के विरोध प्रदर्शन में सीटू के प्रदेशाध्यक्ष रामविलास गोस्वामी. मप्र किसान सभा के महासचिव अखिलेश यादव प्रदेश अध्यक्ष अशोक तिवारी जितेंद्र आर्य, तलविंदर सिंह, जसविंदर सिंह डिडसा, एम के जायसवाल, रामकिशन सिंह कुशवाह, युसुफ अब्बास, राजेश शर्मा, ग्याराम सिंह धाकड़, मुरारी लाल धाकड़, प्रेम नारायन माहोर् आदि भी शामिल रहे ।

उन्होंने याद दिलाया कि कुछ दिन पहले पुनर्निर्वाचित प्रधानमंत्री मोदी संसद भवन के प्रांगण में बोलते हुए आधी सदी पुरानी इमरजेंसी, जिसमे जनसंघ और संघ दोनों ने इंदिरा गांधी संजय गाँधी का समर्थन करने के माफीनामे लिखे थे, की तानाशाही को कोस रहे थे इन नए परिवर्तनों के जरिये उन्होंने उससे भी बदतर अघोषित आपातकाल थोप दिया है ।

इन कानूनों के पहले से ही सरकार किस तरह की धींगामुश्ती कर रही है यह झारखंड और दिल्ली के निर्वाचित मुख्यमंत्रियों हेमंत सोरेन और केजरीवाल की रिहाई के समय हाईकोर्ट्स द्वारा की गयी टिप्पणियों से साफ़ हो जाता है – जिनका कहना था कि कोई भी सबूत न होने के बाद भी उन्हें जेल में रखा गया नए क़ानून अब बिना जांच के लम्बे समय तक जेल में रखने का प्रावधान करते हैं ।

किसान सभा ने कहा है कि वह सारे लोकतांत्रिक संगठनो के साथ मिलकर इन आनूनो की वापसी के लिए लड़ेगी ।

आज के विरोध प्रदर्शन में सीटू के प्रदेशाध्यक्ष रामविलास गोस्वामी. मप्र किसान सभा के महासचिव अखिलेश यादव प्रदेश अध्यक्ष अशोक तिवारी जितेंद्र आर्य, तलविंदर सिंह, जसविंदर सिंह डिडसा, एम के जायसवाल, रामकिशन सिंह कुशवाह, युसुफ अब्बास, राजेश शर्मा, ग्याराम सिंह धाकड़, मुरारी लाल धाकड़, प्रेम नारायन माहोर् आदि भी शामिल रहे ।

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